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NEP 2020: कॉलेज के छात्रों के लिए सुनहरा भविष्य का मार्गदर्शन

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी NEP 2020 भारत की शिक्षा प्रणाली को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलने का एक प्रमुख कदम है। एक कॉलेज छात्र के रूप में, NEP 2020 के प्रमुख पहलुओं को समझना आपके शैक्षणिक और पेशेवर सफर को अधिक प्रभावी बना सकता है। आइए, इस नीति के बारे में विस्तार से जानें और उच्च शिक्षा के लिए इसके प्रभाव को समझें।

nep 2020
NEP 2020

NEP 2020 का परिचय

NEP 2020 को 29 जुलाई, 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दी गई थी। यह 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जगह लेती है। इसका उद्देश्य प्रारंभिक बचपन से लेकर उच्च शिक्षा तक सभी स्तरों पर महत्वपूर्ण बदलाव लाना है। यह नीति भारतीय संस्कृति में निहित एक शिक्षा प्रणाली की परिकल्पना करती है जो भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति में बदलने में मदद कर सके।

उच्च शिक्षा के लिए NEP 2020 के मुख्य बिंदु

1. समग्र और बहुविषयक शिक्षा:

  1. नीति समग्र और बहुविषयक दृष्टिकोण की वकालत करती है जिसमें लचीले पाठ्यक्रम, विषयों का रचनात्मक संयोजन, व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण और कई प्रवेश और निकास बिंदु शामिल हैं।

2. एक चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (FYUP) पेश किया गया है जिसमें कई निकास विकल्प हैं। उदाहरण के लिए, छात्र एक वर्ष के बाद प्रमाणपत्र, दो वर्ष के बाद डिप्लोमा या तीन वर्ष के बाद स्नातक डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। चार वर्षीय कार्यक्रम में अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

2. अकादमिक क्रेडिट बैंक (ABC):

ABC छात्रों (student)द्वारा विभिन्न मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) से अर्जित शैक्षणिक क्रेडिट को डिजिटल रूप से संग्रहीत करेगा। छात्र इन क्रेडिट का उपयोग अपनी शिक्षा जारी रखने और अपनी सुविधा के अनुसार प्रमाणपत्र, डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं।

3. बहुभाषावाद और भारतीय भाषाओं का महत्व:

NEP 2020 भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार और मातृभाषा/स्थानीय भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने पर जोर देती है। कई भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे।

4. शिक्षा में प्रौद्योगिकी:

सभी स्तरों पर शिक्षा में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर जोर दिया गया है। नीति योजना, शिक्षण, सीखने, मूल्यांकन और प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करती है। नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (NETF) जैसी पहलें शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रस्तावित हैं।

5. अनुसंधान और नवाचार:

नीति एक मजबूत अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देने और उच्च शिक्षा में अनुसंधान क्षमता का निर्माण करने के लिए एक राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) बनाने का लक्ष्य रखती है। NRF योग्यताधारित लेकिन समान समीक्षा वाले अनुसंधान कोष प्रदान करेगा।

6. संस्थागत पुनर्गठन और एकीकरण:

HEIs को तीन श्रेणियों में पुनर्गठित किया जाएगा: अनुसंधान विश्वविद्यालय जो अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करते हैं, शिक्षण विश्वविद्यालय जो उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हैं, और स्वायत्त डिग्री-प्रदान करने वाले कॉलेज।

संबद्ध कॉलेज प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने और बड़े बहुविषयक विश्वविद्यालयों और HEI क्लस्टरों का निर्माण करने का लक्ष्य है।

 

7. नियमन और शासन:

NEP 2020 समानता और समावेश के महत्व पर जोर देती है। सभी के लिए शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पिछड़े क्षेत्रों में विशेष शैक्षिक क्षेत्र (SEZs) स्थापित किए जाएंगे। सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित छात्रों के लिए लैंगिक समावेशन कोष और छात्रवृत्तियाँ भी इस नीति का हिस्सा हैं।

कॉलेज छात्रों (college student) के लिए प्रभाव

1. लचीलापन

कई प्रवेश और निकास बिंदुओं के साथ, छात्रों को अपनी जरूरतों और परिस्थितियों के अनुसार अपनी शैक्षिक पथ को अनुकूलित करने का लचीलापन मिलता है।

 

2. वैश्विक प्रतिस्पर्धा

नीति का उद्देश्य भारतीय शिक्षा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है, जिससे छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और नौकरी के बाजारों में अवसर बढ़ सकते हैं।

 

3. अंतरविषयक दृष्टिकोण

छात्र अंतरविषयक पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर सकते हैं, जो उन्हें तेजी से बदलते नौकरी बाजार में अधिक बहुमुखी और अनुकूल बना सकता है।

4. प्रौद्योगिकी का उपयोग:

शिक्षा में प्रौद्योगिकी का बढ़ता उपयोग छात्रों को बेहतर शिक्षण संसाधनों और उपकरणों के साथ प्रदान कर सकता है, जिससे सीखना अधिक आकर्षक और कुशल हो जाता है।

5. अनुसंधान पर जोर:

अनुसंधान और नवाचार पर बढ़ता जोर उन छात्रों के लिए अवसर प्रदान करता है जो उन्नत अध्ययन में रुचि रखते हैं और ज्ञान सृजन में योगदान देना चाहते हैं।

NEP 1986 vs NEP 2020: उच्च शिक्षा के लिए तुलना तालिका

difference between EP 1986 vs NEP  2020
Difference Between EP 1986 vs NEP 2020

क्रेडिट क्या है? (ABC)

क्रेडिट एक इकाई है जो एक पाठ्यक्रम में किए गए काम की मात्रा को मापती है। यह आम तौर पर एक सेमेस्टर में किए गए अध्ययन के घंटों की संख्या पर आधारित होता है।

NEP 2020 के अनुसार क्रेडिट:

सैद्धांतिक कोर्स: एक सैद्धांतिक कोर्स के लिए, प्रति सप्ताह 15 सप्ताह के लिए एक घंटे का अध्ययन एक क्रेडिट के बराबर होता है। यानी एक सेमेस्टर में कुल 15 घंटे का अध्ययन एक क्रेडिट होगा।

प्रौद्योगिकी कोर्स/फील्ड कार्य/प्रोजेक्ट कार्य: इन प्रकार के कोर्सेज के लिए, प्रति सप्ताह 15 सप्ताह के लिए दो घंटे का अध्ययन एक क्रेडिट के बराबर होता है। यानी एक सेमेस्टर में कुल 30 घंटे का अध्ययन एक क्रेडिट होगा।

क्रेडिट अर्जित करने के नियम

प्रथम सेमेस्टर: छात्र प्रथम सेमेस्टर में कोई क्रेडिट अर्जित किए बिना द्वितीय सेमेस्टर में प्रवेश ले सकते हैं। हालांकि, उन्हें सतत आंतरिक मूल्यांकन में शामिल होना होगा और अंत सेमेस्टर परीक्षा के लिए परीक्षा फॉर्म जमा करना होगा।

द्वितीय सेमेस्टर: छात्र द्वितीय सेमेस्टर में प्रवेश ले सकते हैं, भले ही वे प्रथम सेमेस्टर में सभी क्रेडिट अर्जित न करें।

तृतीय सेमेस्टर: तृतीय सेमेस्टर में प्रवेश लेने के लिए, छात्रों को प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर दोनों को मिलाकर कुल 50% क्रेडिट अर्जित करना अनिवार्य है। यानी 40 में से कम से कम 20 क्रेडिट।

क्रेडिट सिस्टम के फायदे

लचीलापन: छात्र अपनी रुचि के अनुसार पाठ्यक्रम चुन सकते हैं।

स्वायत्तता: छात्र अपनी गति से सीख सकते हैं।

अधिक अवसर: छात्र विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

ढोलकाल

निष्कर्ष

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एक नया रास्ता दिखाती है। यह नीति कॉलेज के छात्रों को कई नए मौके देती है। अब आप अपनी रुचि के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं और अपने करियर के लक्ष्यों को आसानी से पूरा कर सकते हैं। NEP 2020 के साथ, आप नई चीजें सीख सकते हैं, नए अनुभव हासिल कर सकते हैं और दुनिया में अपना मुकाम हासिल कर सकते हैं। इसलिए, इस नीति को समझें और इसका पूरा फायदा उठाएं।

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