amus। बस्तर में खेतों की सुरक्षा के मनाया जाता है अमुस (amus) तिहार
अमुस (amus) बस्तर के किसानों का पहला त्यौहार क्यों है? बस्तर में
बस्तर का पहला त्यौहार अमुस (Amus)
अमुस (Amus) बस्तर संभाग के वनांचल में सावन के महीने में मनाया
बस्तर की प्रसिद्ध सब्जी- बास्ता (bamboo shoots-Basta)
भारतीय सभ्यता और विविधता का प्रतीक माने जाने वाला छत्तीसगढ़ राज्य, अपनी
रियासत कालीन जीत की ख़ुशी में १२ साल में एक बार मनाया जाता है सुकमा राज मंडई
शिवा यादव- स्थानीय पत्रकार जीत की खुशी में 12 साल में होता
महुए का पेड़(Mahua Tree), आदिवासी परिवारों के लिए कल्पवृक्ष
Shailendra-thakur लेखक नशीली शराब के लिए मशहूर महुए का पेड़( Mahua Tree)
bhojali।भोजली : प्रकृति संरक्षण का पर्व
मित्रता और प्रकृति के प्रति समर्पण का मिसाल है भोजली (bhojali) लोकसंस्कृति
World’s Indigenous Day: विश्व मूलनिवासी दिवस की जरूरत क्यों है ?
विश्व आदिवासी दिवस /World’s Indigenous Day विश्व के इंडिजिनस पीपुल के मानवाधिकारों
बोड़ा : दुर्लभ स्वाद की पहचान
आषाढ़ लगते ही तपी धरती उमस से भर उठती है। ऐसे में साल के जंगलों में एक गोल गोल फंगस जमीन की सतह पर उभर आता है जिसे बस्तर में बोड़ा (boda)कहा जाता है । इस फंगस की विशेषता है कि यह महीने भर ही उपलब्ध होता है और यह सब्जी के रूप खाया जाता है। यह इतना लोकप्रिय है कि शुरुआत में इसकी कीमत हजार से पंद्रह सौ रुपये किलो तक होती है। छत्तीसगढ़ में इस फंगस का बहुप्रचलित नाम है बोड़ा। बोड़ा शब्द गोंडी भाषा के बोडांग से आया है।
बस्तर का गोंचा पर्व।Bastar’s Goncha Festival
Goncha is the second biggest festival of Bastar after Dussehra।दशहरे के बाद
दंतेवाड़ा की जागेश्वरी 3 साल बाद चर्म रोग के चलते फिर हुई वायरल
दंतेवाड़ा के घने जंगलो के बीच बसा गाँव बगोफ़र की रहने वाली