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बस्तर की प्रसिद्ध सब्जी- बास्ता (bamboo shoots-Basta)

भारतीय सभ्यता और विविधता का प्रतीक माने जाने वाला छत्तीसगढ़ राज्य, अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती और जंगली वनस्पति न सिर्फ पर्यटकों को आकर्षित करती है, बल्कि यहां की स्थानीय खाद्य पदार्थों ने भी अपना अलग महत्व प्राप्त किया है। बस्तर जिले में मौजूद ‘बास्ता (Basta)’ नामक प्रसिद्ध सब्जी इसी कड़ी में शामिल है।

Bastar famous Basta Curry (बास्ता (bamboo shoots)) is one of the best taste of Bastar region, Chhattisgarh. It really inherits the tribal flavour of Bastar. The pleasant smell of the jungles of Bastar and the linkage of its habitants with the nature. The amazing and easy recipe makes it tempering to taste so enjoy this and do tell us Your valuable experiences.

basta
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यहां जंगलो से मिलने वाला एक ऐसे ही पौधा है जिसे खाया जाता है। वह पौधा है बांस। बस्तर में बांस बहुतायत से उगते हैं ,वर्षा ऋतु में बांस का अंकुरण बड़े पैमाने पर होता है। बाँस से अंकुरित होने वाले तना को बास्ता (Basta) कहते हैं। बांस की कोपलों यहाँ के लोग बड़े ही चाव से सब्जी बनाकर खाते हैं। इन कोपलों को बास्ता या करील कहा जाता है।

बस्तर में बांस बहुतायत से उगते हैं ,वर्षा ऋतु में बांस का अंकुरण बड़े पैमाने पर होता है। ग्रामीणजन इस समय इसे भोजन स्वरुप खाते हैं। बास्ता (Basta), नए अंकुरित होते बांस के डंठल को  पतले -पतले चिप्स जैसा काट कर उससे बनाई जाने वाली सब्जी है। इसे रसेदार और सूखी सब्जी जैसा पकाया जाता है, इसे दाल या अन्य सब्जियों में मिलकर भी पकाते हैं। यह आदिवासियों का प्रिय भोजन है। 

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कैसा होता है बास्ता (bamboo shoots)

बस्तर में बांस बहुत पाए जाते है, बारिश के मौसम में बांस बड़े पैमाने पर होता है। बास्ता (Basta) नए अंकुरित होते बांस के डंठल (कोंपल) को पतले -पतले चिप्स जैसा काट कर उससे बनाई जाने वाली सब्जी है। बांस का कोंपल हल्का पीले रंग का होता है और इसकी महक बेहद तेज होती है।

दुनिया भर में पाई जाने वाली बांस की सभी प्रजातियों में से केवल 110 प्रजातियों के बांस के कोंपल ही खाने योग्य होते हैं। इनमें औषधीय गुण भी पाए जाते है, जो बहुत से बिमारियों से बचाते है।

Food of Bastar। Bastar villager
Food of Bastar। Bastar villager

यह एक प्रकार का कठोर तना को सब्जी के रूप में अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है जिसे खाने से स्वास्थ्य के लिए लाभदायक गुण है। बास्ता में सायनोजेनिक ग्लुकोसाईठ, टैक्सीफाईलीन एवं बेंजोईक अम्ल पाया जाता है। जो कफ निःसारक, उत्तेजक, तृशाषामक होता है। इसलिये लोग इसका उपयोग खाने में करते है। बांस की कोपलों को यंहा के ग्रामीणजन पतले -पतले चिप्स जैसा काटकर बस्तर के बाजारों में विक्रय करते हैं। जो 10 से 20 रूपये प्रति दोनी विक्रय की जाती हैं।

आमत, छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का बास्ता का सूप (Aamat, The Bamboo Shoot Soup)

आमत, बस्तर क्षेत्र का एक तीखा आदिवासी सूप है, जिसमें सूखे सब्जिया , जंगली मशरूम, बांस की टहनियों(बास्ता ) और फलियों सहित कई प्रकार की हरी सब्जियां शामिल की जा सकती हैं। आमत का अनूठा पहलू यह है कि इसे बनाने की कोई मानक विधि नहीं है। यह जो कुछ भी हाथ में है उससे बनाया जाता है, और यह बिलकुल दादी के सूप की तरह काम करता है। मसालेदार, गैर-मसालेदार, अधिक बीन्स, अधिक सब्जियां या सूखे सामान के साथ तीखे, साग के साथ बिना तेल के बनाया जाता है। चिन्हा । Chinha

सामग्री: (वरीयता के अनुसार अनुपात)

महुए का पेड़(Mahua Tree), आदिवासी परिवारों के लिए कल्पवृक्ष

  • बम्बू शूट
  • काला चना सहजन
  • आलू, बैंगन, प्याज और बीन्स जैसी सब्जियां पसंद की जाती हैं। भिंडी और करेला जैसी चिपचिपी सब्जियों से बचें इमली का गूदा चावल
  • अदरक
  • लहसुन-हरी मिर्च का पेस्ट
  • हल्दी (वैकल्पिक)
  • नमक

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तैयारी:

काले चने को रात भर भिगो दें। बास्ता (bamboo shoots) को छीलकर बारीक काट लें और उन्हें तब तक उबालें जब तक कि वे बिना ढके लगभग चार गुना पानी में पकाये। और पानी निकाल दें। बांस कुरकुरा रहना चाहिए, लेकिन कड़वा नहीं। उबालने की प्रक्रिया से अंकुरों में मौजूद जहरीले पदार्थ भी निकल जाते हैं। अंकुरों को साफ पानी में धोकर फिर से निथार लें। चावल को कुछ देर के लिए भिगो दें, सुखाकर पीसकर बारीक पाउडर बना लें। सब्जियां काट लें।

विधि :

एक बड़े बर्तन में पानी लें। काले चने, बांस के तने के चिप्स, हल्दी, नमक डालकर पानी उबालें। जब काले चने आधे पक जाएं, तो सब्जियां डालें, धीमी पकने वाली सब्जियों से शुरुआत करें।

बस्तर का गोंचा पर्व।Bastar’s Goncha Festival

मिश्रण में अदरक-लहसुन-मिर्च का पेस्ट और इमली का गूदा डालें और तब तक चलाएं जब तक सब्जियां पूरी तरह से पक न जाएं। तेज आंच पर इसे एक मिनट तक उबलने दें। चावल के पाउडर को धीरे-धीरे तब तक हिलाएं जब तक गांठें घुल न जाएं और सूप मनचाही मोटाई तक न पहुंच जाए। इसे चावल या पेज (चावल का सूप) के साथ या अकेले ही परोसें।

बस्तर भले ही छत्तीसगढ़ का हिस्सा है, लेकिन इसकी अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान और खान-पान की परंपरा है। बस्तर के लोगों को खाद्य संस्कृति और पाक विधियों का सबसे शुद्ध रूप विरासत में मिला है। यहां की जनजातियां जंगली जंगल पर अत्यधिक निर्भर हैं। उनके भोजन की तैयारी, तरीके कच्चे हैं और अभी भी कुछ जनजातियों के लिए खाना बनाना अनिवार्य प्रक्रिया नहीं है।  

अनाज, बाजरा, सब्जियां, फल, छोटे जानवर, जड़ें, फलियां, दालें, पौधे के पेय पदार्थ, सूखी सब्जियां, नट, बीज खाद्य संस्कृति की कुछ सामान्य श्रेणी हैं, जिनका सेवन स्थानीय लोग कच्चे, संसाधित या पके रूप में करते हैं। 

साल भर अलग-अलग मौसम में जंगल से अलग-अलग उत्पाद आते हैं। जैसे महुआ वसंत ऋतु में आता है, तेंदू गर्मी में आता है, बाँस की टहनियाँ मानसून में निकलती हैं, पेम्बीजा शरद ऋतु में निकलती है।

बस्तर की प्रसिद्ध सब्जी – बास्ता एक सम्पूर्ण अनुभव है। यह आपको बस्तर की संस्कृति, परंपरा और भूमि से जोड़े रखता है। इसे खाने के द्वारा, आप बस्तर की सब्जी के आकर्षक स्वाद का आनंद ले सकते हैं और इसकी मदद से बस्तर की संस्कृति का अध्ययन कर सकते हैं।

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