हिंदी कविता। Hindi Kavita
अम्मा मैं तेरा एक ज़र्रा भर हूं।
मैं चींटी हूं तेरे विशाल टहनियों पर घूमती
मैं तेरे नीले सागर में बहता
पीला पीपल का पत्ता हूं।
मैं तेरे अथांग दूधियां आकाश में
घूमता मदमस्त पतंगा हूं।
मैं तेरे सूरज के फैले रोशनी का
किवाड़ से घर में झांकता बिंदू हूं।
अम्मा मैं कण हूं तेरे असीम अस्तित्व का
तेरी सांस भर से मैं आबाद हूं।
-एल. प्रियंका । L Priyanka
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